Shodashi - An Overview
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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।
The Sri Yantra, her geometric representation, is a posh symbol from the universe along with the divine feminine Vitality. It is made up of 9 interlocking triangles that radiate out from the central place, the bindu, which symbolizes the origin of development along with the Goddess herself.
Just about every struggle that Tripura Sundari fought is usually a testomony to her could possibly and also the protective mother nature in the divine feminine. Her legends continue to encourage devotion and they are integral into the cultural and spiritual tapestry of Hinduism.
हर्त्री स्वेनैव धाम्ना पुनरपि विलये कालरूपं दधाना
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
वन्दे सर्वेश्वरीं देवीं महाश्रीसिद्धमातृकाम् ॥४॥
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
She's also called Tripura since all her hymns and mantras have 3 clusters of letters. Bhagwan Shiv is thought to generally be her consort.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥
The Mahavidyas are a group of 10 goddesses that signify several elements of the divine feminine in Hinduism.
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव here के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।